Modi Govt Update: मोदी सरकार की राजस्थान को बड़ी सौगात! करीब 2 लाख लोगो को मिलेगा रोजगार, जानिए कैसे

बुधवार को हुई केंद्र सरकार की केबिनेट बैठक में देशभर में 12 नए स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटी को मंजूरी दे दी है। इस में से राजस्थान का जोधपुर-पाली नोड भी शामिल है। पश्चिमी राजस्थान के औद्योगिक विकास में यह नई इबारत लाने वाली है।

1578 एकड़ में विकसित होगी यह सिटी। इससे लोगो को भी काफी फायदा होने वाला है। इससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 40 हजार लोगो को रोजगार मिलने वाला है। वही अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2 लाख लोगो को रोजगार मिलने वाला है।

पश्चिमी राजस्थान की टेक्सटाइल, हेंडीक्राफ्ट और एग्रो इंडस्ट्री मुख्य रूप से इससे प्रभावित होने वाली है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने केबिनेट में मंजूर हुए इन फेसलो के बारे में कहा की यह 12 नए प्रोजेक्ट इंडस्ट्रियल नेकलेस की तरह काम करेंगे। राजस्थान का जोधपुर इसी नेकलेस का ही भाग है। जोधपुर-पाली नोड की प्रबल संभावना है।

इस प्रकार होगा फायदा

  • केंद्र सरकार के द्वारा 1578 एकड़ में विकसित होगी स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटी।
  • 7500 करोड़ का होगा औद्योगिक निवेश।
  • 922 करोड़ में विकसित होगी इंस्ट्रीयल सिटी।
  • 40 हजार लोगो को मिलेगा प्रत्यक्ष रोजगार।
  • 2 लाख लोगो को मिलेगा अप्रत्यक्ष रोजगार।

ये 5 सेक्टर होंगे लाभान्वित

टैक्सटाइल और अपेरल – जोधपुर और पाली एरिया में करीब 1000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां है। प्रदूषण के दंश और एनजीटी के कारण यहाँ इनका विस्तार नहीं हो पा रहा है। जबकि पश्चिमी राजस्थान से एक्सपोर्ट का कपड़ा बनता है। यहाँ से करीब 50 हजार लोगो को रोजगार मिलने वाला है।

हैंडीक्राफ्ट सेक्टर – जोधपुर और पाली के आलावा भी जैसमेलर व बाड़मेर में भी 2000 से ज्यादा हेंडीक्राफ्ट यूनिट है। इन इकाइयों में से 700 इकाइयां एक्सपोर्ट करती है। यहाँ पर करीब 1000 से ज्यादा लोगो को रोजगार मिलता है। पिछले 20 साल से इन सेक्टरों को नया औद्योगिक क्षेत्र नहीं मिला।

एग्रो फूड – जोधपुर में करीब 550 और आस पास के एरिया में करीब 300 एग्रो फ़ूड इकाइयां है। अभी भी राजस्थान से गुजरात करीब 70% कृषि जींस और मसला जाते है। इस उद्योग के लिए यह फायदा है।

इंजीनियरिंग व ऑटो – सोर ऊर्जा के क्षेत्र में नंबर एक पर होने पर भी यहाँ पर इंजीनियरिंग उपकरण का कोई उद्योग नहीं है। राज्य सरकार ने इसी कारन से सोलर उपकरण हब बनाने की योजना बनाई है।

बिल्डिंग मेटेरियल– पश्चिमी राजस्थान में बिल्डिंग मटेरियल किसी निश्चित जॉन में नहीं है। ऐसे में सरकार नए इंडस्ट्रियल जॉन में यह कर सकती है।