राजस्थान में भजन लाल सरकार के द्वारा पंचायती राज विभाग में काम कर रहे संविदा कर्मियों की सेवायें समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए है। प्रदेश में पंचायत राज विभाग के अधीन मनरेगा में सोशल ऑडिट के साथ-साथ सरकार की योजनाओं का प्रचार- प्रसार करने के लिए गहलोत सरकार के द्वारा 2020 में संविदा भर्ती की गई थी।
पंचायती राज विभाग के शासन सचिव रवि जैन के द्वारा इन कर्मचारियों की सेवा को समाप्त करने के आदेश जारी किये गए है।पंचायति राज विभाग के आधीन काम कर रहे संविदा कर्मियों की सेवा 30 जून को समाप्त हो जायेगी। इन संविदा कर्मियों के लिए यह बड़ा झटका है सरकार के इस आदेश से लगभग 1000 संविदा कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
साल 2020 में की गई थी इन संविदा कर्मियों की भर्ती
गहलोत सरकार के द्वारा वर्ष 2020 में राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर मनरेगा में सोशल ऑडिट सहित अन्य काम करने के लिए साल 2020 में संविदा पर भर्ती की गई थी। जिनके लिए अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग मानदेय निर्धारित किया गया था।
मानव संसाधनों को एक माह के प्रशिक्षण के बाद एक साल के कॉन्ट्रेक्ट पर रखा जाता था। एक साल के बाद कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू किया जाता था, लेकिन अब सरकार बदलते ही इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इससे पहले भजन लाल सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्र योजना को बंद कर दिया था, जिससे पांच हजार युवा बेरोजगार हो गए थे।